गर्भस्त शिशु पर संगीत का प्रभाव

Fri Apr 14, 2023

गर्भ में विकसित हो रहा शिशु तथा किसी अपरिचित व्यक्ति की आवाज का अंतर भी समझ सकता है। बच्चे को भाषा की सर्वप्रथम शिक्षा माँ के गर्भ में प्राप्त होती है।

मातृभाषा के शिक्षण की प्रक्रिया के प्रारम्भ में भाषा का ज्ञान गीत द्वारा अधिक तीव्रता से होता है। बातचीत की तुलना में गीत का प्रभाव गर्भस्थ पर अधिक पड़ता है।


गीत का शिशु पर प्रभाव

जैसे कि अगर आप हल्का संगीत सुनती हैं तो आपका बच्चा शांत हो सकता है। वहीं, तेज और शोरगुल संगीत सुनने पर बच्चे शैतान और गुस्से वाले बन सकते हैं।

गर्भवती माताओं में उच्च तनाव का स्तर भ्रूण के विकास पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। संगीत और गायन का गर्भवती माँ और अजन्मे बच्चे पर समान रूप से सुखद प्रभाव पड़ता है और बाद में जीवन में एक स्वस्थ और खुशहाल बच्चे में योगदान देता है। किसी भी प्रकार का संगीत चुनें जो आपको पसंद हो - बीथोवेन क्लासिक से लेकर लोरी गाने तक कुछ भी।


जन्मपूर्व बंधन

संगीत भी जन्मपूर्व बंधन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। आराम देने वाला गीत सुनना या लोरी गाना पूरे शरीर में और प्लेसेंटा में शांत करने वाले रसायन भेजता है, जिससे बंधन और विश्राम की सुविधा मिलती है।


प्रेग्नेंसी में कितना और किस तरह का गाना सुनें?

  • सरल धुन वाले गीत सुनें।
  • आवाज के लेवल का ध्यान रखें।
  • रात में सॉफ्ट या कोई मधुर गीत सुनें।
  • आप हर दिन एक या दो घंटे से अधिक गाने न सुनें।

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Ashutosh Bhardwaj, MBBS, DCH, PGDUS, PGPN
He is a Pediatrician and Neonatologist with passion of teaching on pregnancy diet and nutrition, scientific womb talk trainer, and baby brain development trainer.